Hindi Section 11 Aug 2011, NewAgeIslam.Com | |
मदरसों के स्तर में गिरावट आखिर क्यों? सैय्यद नवाब अली सरयावी इब्न बिलजब्र (फादर आफ अलजेब्रा), इब्ने सिना (फादर आफ मेडिस्न), जाबिर बिन हय्यान (फादर आफ केमिस्ट्री), खलदून (फदर आफ सोशोलोजी एण्ड पोलिटिकल साइंस), अलक़ासिम अलजब्बारबी (फादर आफ सर्जरी), इब्ने नफीसी (फादर आफ ब्लड प्रेशर), और अहमद मेमार जिसने ताजमहल का नक्शा तैयार किया। ये मदरसे के छात्र रहे हैं जिन्होंने केमिस्ट्री, अलजेब्रा, सोशियोलोजी, पोलिटिकल साइंस और मेडिसिन की दुनिया में जान डाली और उसको परवान चढ़ाया लेकिन आज इनकी आत्माएं मदरसों के वर्तमान स्थिति से आहत होंगीं, और इसका कारण आधुनिक शिक्षा न देना है, क्योंकि जो व्यक्ति विश्व परिदृश्य, वैज्ञानिक शोधों और इतिहास के ज्ञान से अनभिज्ञ हो वो एक अच्छा लीडर और पथप्रदर्शक नहीं बन सकता है। हज़रत अली (रज़ियल्लाहू तआला अन्हा) ने कहा है कि अपने बच्चों को वर्तमान के अनुसार शिक्षा दो न कि अपने समय के अनुसार से क्योंकि इनको आने वाले समय के लिए पैदा किया गया है। पैग़म्बर मोहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने कहा है कि शिक्षा ग्रहण करना हर मुसलमान मर्द और औरत का कर्तव्य है और ये भी कहा है कि शिक्षा हासिल करो चाहे इसके लिए चीन भी जाना पड़े। इन दोनों हदीसों में किसी विशेष शिक्षा की ओर इशारा नहीं किया है, न तो आधुनिक और न ही मदरसे की, इसीलिए किसी भी शिक्षा को दूसरे पर श्रेष्ठता प्राप्त नहीं है। ये अलग बात है कि कुछ ज्ञान को सीखने में जल्दी करनी चाहिए, क्योंकि जब इमाम अबु जाफ़र से पूछा गया कि विभिन्न ज्ञान में से किस ज्ञान को दूसरे पर श्रेष्ठता प्राप्त है, तब आपने कहा कि किसी भी ज्ञान को किसी अन्य पर श्रेष्ठता नहीं प्राप्त है लेकिन ज्ञान से लाभ प्राप्त करने के मामले में अंतर पाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप मानव के लिए आवश्यक है कि कुछ विषयों का ज्ञान प्राप्त करने में जल्दी करे और ज़्यादा से ज़्यादा फायदा उठाये और वर्तमान समय में दो ज्ञान से ज़्यादा फायदा उठाये, एक है धर्म का ज्ञान और दूसरा है औषधियों का ज्ञान(मेडिसिन)। |
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