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Tuesday, August 30, 2011


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10 Aug 2011, NewAgeIslam.Com

एक दृष्टिकोण: रमज़ान, मेरे लिये ज़िल्लतों का महीना क्यों हुआ करता था?


शमशाद इलाही अंसारी, टोरोंटो- कनाडा (न्यु एज इस्लाम डाट काम)
रमज़ान का महीना जारी है और कहा जाता है कि इस महीने में शैतान क़ैद कर दिये जाते हैं। इस महीने में इंसान बुराई से बचता है और इस धरती के अस्थायी जीवन के बाद जो स्थायी जीवन मरणोपरांत आरंभ होगा, वह उसमें सफ़ल हो,उसमें कोई दिक्कत न हो, जन्नत मिले, हूरें मिलें, ग़िलमान मिलें, शराबें, शहद और अपरिमित, इन्द्रयातीत सुख मिले, इसलिये रमज़ान में इबादत करना, रोज़ा रखना, चोरी न करना, झूठ न बोलना, किसी को सताना नहीं, गलत सोहबत न करना, व्याभिचार न करना, पाँचों वक्त की नमाज़ पढना(तरावीह के साथ)। पूरे एक महीने का ये सालाना कार्यक्रम पिछले १४०० सालों से जारी है। इसके क्या नतीजे निकले, इस मिशन में किसको क्या मिला, जो मर चुके उन्हें क्या क्या मिला? इसका न कोई प्रमाण है न ही यह कोई अनुसंधान का विषय है।

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