न्यूट गिंगरिच कदीम इस्लामी कानून की सरज़िनश करने वालों में अकेले नहीं हैंby मोहम्मद यूनुस, न्यु एज इस्लाम
लेकिन अगर ये एक धर्म है, और बराये नाम कुरान का ताज पहना है, लेकिन उन धार्मिक संसाधनों के ईर्द गिर्द अपनी तामीर की है जिस पर मध्यकाल के फुकहा औऱ माहिरीने कानून इसरार करते हैं, तो ये कुरानी मॉडल: समय के विशिष्ट , सहिष्णुता, व्यापक, राजनीतिक रुझान वाला, लैंगिक न्याय, स्वतंत्रता और समानता चाहने वाले, से भिन्न और यहाँ तक कि परस्पर विरोधी हो सकता है। अगर मौजूदा फ़िक़्ही रुझान पर आधारित इस्लाम की सियासज़दा मॉडल बरकरार रहता है, तो इसके मुल्ला लोग, मजहबी पेशवा और रूढ़िवादी लोग पूरे तब्के को मध्यकाल के ज़माने का पाबंद रखे रहेंगे और इस्लाम यूरोप और पश्चिम में (वाज़ेह या खामोशी के साथ) बिल्कुल अजनबी और काबिले नफरत बना रहेगा।
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