Translated and transcribed by New Age Islam Edit Bureau
तीन तलाक़ बिल पर मौलाना तौकीर रज़ा और मौलाना अहमद रज़ा समनानी के बीच फोन पर बात चीत
मौलाना तौकीर रज़ा: तीन नहीं मानता था वह एक मानता था तीन कोl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: जी हुज़ूर
मौलाना तौकीर रज़ा: सही है ना
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: जी हुज़ूर बिलकुल सही फरमा रहे हैंl हुज़ूर तो वही मतलब जब मैं ने आज देखा तो मुझे आश्चर्य हुआ कि हज़रत का ऐसा बयान कैसे हो सकता है?
मौलाना तौकीर रज़ा: नहीं नहीं बिलकुल सही आया है जो आया हैl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: जी
मौलाना तौकीर रज़ा: ऐसा है कि हमारी लड़ाई यह थी कि तीन को तीन मानो वह कहते थे कि तीन नहीं एक है अब जब कि यह बिल आ गया है और उन्होंने यह कहा है कि तीन तलाक़ पर सज़ा दी जाए गी तो यहाँ तो उन्होंने तीन को तीन मां लिया ना तो हम तो यहाँ जीत गए अपनी लड़ाईl लोगों को इतनी सी बात समझ में नहीं आ रही हैl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: लेकिन हुज़ूर वहीँ पर यह बात भी तो आती है कि फिर वहाँ शादी टूटती नहीं तो फिर संबंध कैसे रहेंगे पति-पत्नी के बीच?
मौलाना तौकीर रज़ा: पति-पत्नी के संबंध कैसी बात करते हैं आप पढ़े लिखे आदमी हैं जब उसने तीन तलाक़ दे दी तो संबंध रखे गा कैसे?
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: नहीं हुज़ूर इस बिल में तो ऐसा है कि कोर्ट की तरफ से संबंध स्थापित हो सकता है फिर आने के बाद शादी बरकरार रह सकती हैl
मौलाना तौकीर रज़ा: नहीं नहीं जो इस्लाम का मानने वाला है शरई कानून का मानने वाला है तलाक़ देने के बाद उस पर बीवी हराम हो गईl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: जी बिलकुल सही फरमा रहे हैंl
मौलाना तौकीर रज़ा: तो सुनिए तलाक़ ए बिदअत पर उन्होंने बिल बनाया है तलाक़ ए अहसन और तलाक़ ए हसन पर नहीं बनाया है तलाक़ ए बिदअत जो नशे में और गुस्से में होती है और ऐसी तलाक़ पर हुजुर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने भी नागवारी का इज़हार फरमाया था और हज़रत उमर के ज़माने में ऐसी तलाक़ पर कोड़े भी लगाए गए थे तो ऐसी तलाक़ वाले को अगर आज सज़ा दी जाती है तो हमारी लड़ाई तो यह थी कि नशे में भी या गुस्से में भी जैसे भी उसने तलाक़ दी तो तलाक़ हो गई यह लोग मानते थे लेकिन अब जब बिल आ गया तो उन्होंने यह स्वीकार कर लिया कि जो तीन तलाक़ दे उसको सज़ा दी जाए गी तीन साल की इसका अर्थ सज़ा तो वह तब देंगे ना जब तीन को तीन मां लेंगे बस हम तो अपनी लड़ाई जीत गए हमारी समझ में नहीं आता कि लोग विरोध क्यों कर रहे हैं समझ नहीं पा रहे हैं या क्या बात हैl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: इस बिल के विरोध में तो विशेषतः हमारे सईद नूरी साहब जो रज़ा एकेडमी के चेयर मैं हैं वह भी आए हैंl
मौलाना तौकीर रज़ा: कुछ लोगों को ऐसा होता है ना कि केवल दिखावा करना होता है हर मामले में धार्मिक भावना भड़का के भीड़ लगाना और फोटो खिचवाना और अखबारों में नाम छपवाना इस चीज का शौक होता है कुछ लोगों को विरोध अकारण हो रही है असल में उस चीज की हिमायत होनी चाहिए जिस चीज पर हमें ख़ुशी मनाना चाहिए हम उस पर नाराज़ हो रहे हैंl हम लड़ाई अपनी जीते हैं यह ज़ाहिर ऐसा कर रहे हैं जैसे हम हारे हैंl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: जी हुजुर अभी असजद रज़ा साहब का भी बयान आया था कुछ दिन पहले वह तो हमारे सुन्नियत की जामाज़ गाह हैंl
मौलाना तौकीर रज़ा: आप यह बताओ आप पढ़े लिखे आदमी हो आपकी क्या समझ में आता है इसमें?
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: मेरी सम्जः में तो यह आता है कि आज तक जो अन्याय हो रहा था महिलाओं के साथ तो इसमें कुछ ना कुछ तो सुधार आएगाl
मौलाना तौकीर रज़ा: आज तक जो अन्याय हो रहा था गैर ज़िम्मेदार तलाकें हो रही थीं नशे में तलाकें हो रही थीं सारे उलेमा और मुफ़्ती की जिम्मेदारी नहीं थी कि लोगों में जागरूकता पैदा करते कि यह काम मत करो यह गुनाह हैl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: बेशक उन्हीं का यह फेलयोर है जो आज यह हो रहा हैl
मौलाना तौकीर रज़ा: बच्चियों की जिन्दगी बर्बाद कर रहे थे अब हमें पति बन कर नहीं लड़की का बाप और भाई बन कर सोचना चाहिए हाँ यह लोग इनका मुझे समझ नहीं आता यह लोग क्या सोच रहे हैं और क्यों सोच रहे हैं और क्यों सोच रहे हैं और क्यों ऐसा कर रहे हैं सीधी बात यह है कि हम जितना विरोध करें यह बात सच है कि उन्होंने कानून जो बनाया है वह बनाया मुसलमानों की दिल आज़ारी के लिए ही है लेकिन अल्लाह तो जिससे चाहे काम ले ले ना हमारे मौलवी और हमारे उलेमा जो काम नहीं कर सके वह काम अल्लाह ने सरकार से ले लिया हमारी बच्चियों का भविष्य सुरक्षित होगा इससे और यह गैर ज़िम्मेदार तलाकों पर रोक लगे गीl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: लेकिन हुज़ूर आप जैसे लोगों से एक उम्मीद यह भी है क्योंकि आपके पास प्लेट फ़ार्म भी है और प्रभाव भी है हर तरह से तो आप से उम्मीद यह है कि आप एक रणनीति तैयार करें जैसा कि अभी कोर्ट ने कहा कि शादी नहीं टूटती इसके बाद फिर जब जेल से आएँगे तो जब कोर्ट के अनुसार शादी टूटी नहीं तो फिर वह अपने मायके जाएगी नहीं तो फिर वह अपने शौहर के ही घर रहे गी तो फिर ऐसी रणनीति तैयार करें जिससे हराम कारियाँ ना होंl
मौलाना तौकीर रज़ा: आप अभी भी बात को नहीं समझेl सज़ा तब होगी जब अपराध साबित हो जाएगा और जुर्म क्या हुआ कि तीन तलाक़ और तीन तलाक़ जब मां ली गई तो इसका अर्थ यह कि तलाक़ हो गई उसे सज़ा तभी मिलेगी जब तीन तलाक़ साबित हो जाए और यह सज़ा हज़रत उमर ने भी कोड़े लगा कर दी है और जब तलाक़ हो गई तो फिर उसके साथ रहने का कोई सवाल ही नहीं है बस इतना डर है कि तलाक़ हो जाने के बाद जब दोनों मजिस्ट्रेट के सामने जब दोनों हाज़िर होंगे तो मजिस्ट्रेट उन्हें समझाएगा कि सुलह कर लो तो डर यह है कि पति जो कि तलाक़ दे चुका है वह सज़ा के डर से कहीं समझौता ना कर ले तब हराम कारी होगी अगर पति समझौता कर लेगा समझ रहे हैं आप लेकिन यह हराम कारी कानून ने नहीं कराई यह वह मुसलमान कर रहा हैl और फिर ऐसे मुसलमान लापरवाही गैर जिम्मेदारी असल में हमारी हैl क्योंकि भारत का बच्चा बच्चा जानता है कि शराब पीना हराम है फिर भी शराब मुसलमानों में आम होती जा रही है जिम्मेदार कौन है? यह बिलकुल ऐसा ही हैजैसे हम यह कहें शराब पर प्रतिबंध लगाया जाए शराब बेचना बंद किया जाए ताकि हमारे बच्चे सुरक्षित हो जाए हम अपने बच्चो को नहीं रोक पा रहे हैं तो हमारी गलती है ना हम शराब बेचने वाले की गलती बटा रहे हैंl असल में शराब बेचने वाले की गलती नहीं गलती हमारी है कि हम अपने बच्चों को रोक नहीं पा रहे हैंl बिलकुल ऐसे ही यह लोग इस तलाक़ बिल के साथ कर रहे हैं कि बिल के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं बल्कि उनको अपने बच्चों को तलाक़ से रोकना चाहिएl ऐसी कोई मुहिम नहीं चलाते सरकार के खिलाफ मुहिम चलाने का क्या अर्थ मुहिम चलाए अपने बच्चों में जागरूकता लाए अपना काम चाहते हैं कि सरकार करे भाई यह शराब की दुकानें बंद कराने से काम नहीं चलेगा जब तक हम खुद अपने बच्चों को नहीं रोकेंगे बच्चे नहीं रुकेंगेl
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: हुज़ूर मैं आपसे क्षमा चाहता हुए इस बात की तहकीक करना इसलिए चाहा कि कई हमारे लोग ऐसे हैं जो आपके पार्टी से जुड़े हुए हैं पिछली बार आप हमारी constituency से चुनाव भी लड़े थेl
मौलाना तौकीर रज़ा: कहाँ से हैं आप?
मौलाना अहमद रज़ा समनानी: बएसी पुरनिया से हूँ मैं हुज़ूरl मैं आपका एक छोटा से सेवक हूँ बहोत सारे लोग हम से जुड़े हुए थे और लगभग ३०% वोट मैंने आपकी पार्टी को दिलवाया थाl लोग धरना प्रदर्शन करने वाले थे कि हज़रत ने ऐसा ऐसे बोल दिया जब कि सारे उलेमा खिलाफ थेl मुझे आपसे तशफ्फी बख्श जवाब मिलाl
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